जानिए – अल्मोड़ा की जनभावनाएं, नए मंडल का हिस्सा होने पर।
कुमाऊं की पहचान ही अल्मोड़ा है और उसे ही कुमाऊं मंडल से अलग करना सही सोच नही है। सिर्फ अफसरशाही को बढ़ावा बाकी तो कुछ नहीं।
– आकाश सती
मैं इसका विरोध करता हूँ। अल्मोड़ा खुद कुमाऊँ का मुखिया हिस्सा है। अल्मोड़ा से कुमाऊँ के 3 ज़िला बने हैं कुमाऊँ से कैसे अलग क़िया जा सकता है। ये वही बात हो गई की शरीर से आत्मा निकाल लेने वाली …। सिर्फ राजनीति की जा रही है, उतराखंड मैं हमारे मुख्यमंत्री द्वार। जरुरी या विकास के के कार्यों को छोड़ कर बाकी सारे बेमतलब के कार्यों को किया जा रहा है उत्तराखंड में। युवा रोज़गार के लिए परेशान है, जो रोज़गार निकलते है उसमे दुनिया भर की धांधली हो रही है और मुख्य मंत्री कमिश्नरी बनाने के लिए सूझ रही है…
– निशांत मेहता
– महेंद्र सिंह अधिकारी
अल्मोड़ा कुमाऊँ की शान है। कुमाऊँ की शान को उससे अलग करने में लगे है CM
– सौरभ कुमार
नेताओं की गैरसैण की जमीन के रेट बढ़ेंगे, अब क्या कुमाऊं रेजिमेंट का नाम भी गैरसैण रेजिमेंट रखेंगे? अब कम्पटीशन एग्जाम के सही उत्तर में बद्रीदत्त पांडे जी कुमाऊँ केसरी कहलायेंगे या गैरसैण केसरी।
– महेश चन्द्र कांडपाल
यह तो अल्मोड़ा के लोगों को विरोध करना चाहिए।
– पुनीत जोशी
– सुशील डेविड
– बीरेंद्र नेगी
– कार्तिक साह
– ममता अधिकारी बिष्ट
– कमल पन्त
– मनोज गोस्वामी
– संजय टम्टा
– संदीप पाण्डेय
– संतोष वर्मा
– विवेक रावल
– संजू बाबा
– महेंद्र सिंह अधिकारी
– मोहन जोशी
– हेम गुणवंत
– निखिलेश पंवार
– गोपाल सिंह बिष्ट
हमसे ही कुमाऊं की पहचान थी, अब हमें ही कुमाऊं से अलग कर दिया।
– मोनिका बिष्ट
– वासु उप्रेती