जनाब जिंदगी मे हमारे अफ़साने बनना तो तय था लेकिन कभी सोचा नही था के हमारे दांतों के भी इतने अफ़साने बन जायेगे कि आप लोगो से साझा किये बिना मन न…

About Rajesh Budhalakoti
सेवानिवृत सरकारी अधिकारी, बचपन और छात्र जीवन अल्मोड़ा और नैनीताल के आस पास गुजारा। देश के विभिन्न स्थानों में रहकर नौकरी करने के बाद, वर्त्तमान में हल्द्वानी में रहते हैं। पहाड़ों से हमेशा प्रेम रहा, सरल हास्य और व्यंग के साथ अपने शब्दों से गहरी बात भी आसानी से लिख देते हैं।
जनाब उम्र के इस पड़ाव पर जब भी मुड़ कर देखा एक बात बहुत याद आती है, यहाँ हल्द्वानी में कठघरिया मे बसने के बाद जब भी प्लमबर, कारपेन्टर, की खोज…
बचपन की यादों मे नैनीताल के साउथ वूड कोटेज की हल्की हल्की यादे अब तक साथ निभा रही है, बाबुजी अल्मोडा मे कार्यरत थे और हम दोनो भाई एडम्स स्कूल मे…
चम्पा नौला में हमारे मकान की लोकेशन बहुत बढ़िया थी, भैरव मन्दिर के बगल से करीब सौ सीढ़ी उतर, नौले के बगल मे, ऊपर मिट्ठू दा का मकान और हमारा घर, नौले…
आज सुबह से मुझे अल्मोड़ा वाले घर की बहुत याद आ रही है और साथ ही याद आ रही है हमारे बगल वाली कैजा
शाम को 4 बजे माँ का डोला उठता और नंदा देवी के जयकारो से सारा अल्मोड़ा गुंजाय मान हो जाता,…